29. अल-अन्कबूत
(मवका में उतरी-आयातें 69)
परिचय
नाम
आयत 41 में आए शब्द 'जिन लोगों ने अल्लाह को छोड़कर दूसरे संरक्षक बना लिए है उनकी मिसाल मकड़ी (अन्कबूत) जैसी है' से लिया गया है। अर्थ यह है कि यह वह सूरा है जिसमें शब्द 'अन्कबूत' आया है।
उतरने का समय
आयत 56 से 60 तक साफ़ मालूम होता है कि यह सूरा हबशा की हिजरत से कुछ पहले उतरी थी। शेष विषयों की आन्तरिक गवाही भी इसी की पुष्टि करती है, क्योंकि पृष्ठभूमि में उसी समय के हालात झलकते नज़र आते हैं।
विषय और वार्ताएँ
सूरा को पढ़ते हुए महसूस होता है कि इसके उतरने का समय मक्का मुअज़्ज़मा में मुसलमानों पर बड़ी मुसीबतों और परेशानियों का समय था। [उस समय] अल्लाह ने यह सूरा एक ओर सच्चे ईमानवाले लोगों में संकल्प, हौसला और धैर्य पैदा करने के लिए और दूसरी ओर कमज़ोर ईमानवाले लोगों को शर्म दिलाने के लिए उतारी। इसके साथ मक्का के विधर्मियों को भी इसमें (सत्य-विरोध के अंजाम के बारे में) कठोर धमकी दी गई है। इस सिलसिले में उन सवालों का जवाब भी दिया गया है जिनका कुछ मुस्लिम नौजवानों को उस समय सामना करना पड़ रहा था। जैसे उनके माँ-बाप उनपर ज़ोर डालते थे कि हमारे दीन पर क़ायम रहो। जिस क़ुरआन पर तुम ईमान लाए हो, उसमें भी तो यही लिखा है कि माँ-बाप का हक़ सबसे ज़्यादा है, तो जो कुछ हम कहते हैं उसे मानो, वरना स्वयं अपने ही ईमान के विरुद्ध काम करोगे। इसका उत्तर आयत 8 में दिया गया है। इसी तरह कुछ नव-मुस्लिमों से उनके क़बीले के लोग कहते थे कि अज़ाब-सवाब हमारी गर्दन पर, तुम हमारा कहना मानो और इस आदमी से अलग हो जाओ। [अल्लाह के यहाँ इसके उत्तरदायी हम होंगे।] इसका जवाब आयत 12-13 में दिया गया है। जो क़िस्से इस सूरा में बयान किए गए हैं उनमें भी अधिकतर यही पहलू उभरा हुआ है कि पिछले नबियों को देखो, कैसी-कैसी सख़्तियाँ उनपर गुज़रीं और कितनी-कितनी मुद्दत वे सताए गए। फिर अन्तत: अल्लाह की ओर से उनकी मदद हुई, इसलिए घबराओ नहीं, अल्लाह की मदद ज़रूर आएगी, मगर आज़माइश का एक दौर गुज़रना बहुत ज़रूरी है। फिर मुसलमानों को निर्देश दिया गया कि अगर ज़ुल्मो-सितम तुम्हारे लिए असह्य हो जाए, तो ईमान छोड़ने के बजाय घर-बार छोड़कर निकल जाओ। अल्लाह की ज़मीन बहुत बड़ी है। जहाँ अल्लाह की बन्दगी कर सको, वहाँ चले जाओ। इन सब बातों के साथ विधर्मियों को समझाने का पहलू भी छूटने नहीं पाया है, बल्कि तौहीद और आख़िरत दोनों सच्चाइयों को प्रमाणों के साथ उनके मन में बिठाने की कोशिश की गई है।
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